भाव स्पष्ट कीजिए-

(क) छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात।


(ख) छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेफालिका के फूल बाँस था कि बबूल?

(क) शिशु की मधुर मुसकान कवि के अंतःकरण को छू गई है| शिशु की मुसकान कवि को इतना भाव बिभोर कर देती है कि उसे ऐसा लगने लगता है जैसे कमल का फूल तालाब में न खिलकर उसकी झोपड़ी में खिल गया हो|

(ख) कवि अपने आपको बबूल और बाँस की तरह निष्ठुर अथवा कठोर हृदय का मानता है। उसका निष्ठुर ह्रदय भी शिशु का स्पर्श पाकर सिहर उठता है और उसके जैसे कठोर ह्रदय वाले व्यक्ति में भी शिशु के स्पर्श से आनंद का संचार हो उठता है| उसे ऐसा लगता है जैसे बबूल और बाँस से शेफालिका के फूल झरने लगे हों|


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